राज्य में विश्वविद्यालयों की लेटलतीफी के कारण समय पर परीक्षाओं के परिणाम नहीं आ रहे हैं। इसका खमियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है। आलम यह है कि छात्र सरकारी नौकरी तक से वंचित हो रहे हैं। राज्य में बीएड अभ्यर्थी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। राज्य के कोटा, उदयपुर, अलवर सहित अजमेर के विश्वविद्यालयों ने अभी तक बीएड का परिणाम जारी नहीं किया है। स्थिति यह है कि सत्र 2020 में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों को ढाई साल बाद भी रिजल्ट नहीं मिला है, जबकि दो साल में डिग्री पूरी होनी चाहिए। ऐसे में व्याख्याता परीक्षा में अच्छे नंबर पाने वाले अभ्यर्थी चयन से बाहर हो रहे हैं। स्थिति ऐसी बन गई है कि 16 जिलों के अभ्यर्थी भर्ती के योग्य हैं, वहीं, आधे जिले के अभ्यर्थी अयोग्य हो रहे हैं।
अभ्यर्थियों ने मांगी छूट:
प्रभावित अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर अब नियमों में छूट मांगी है। अभ्यर्थी सुरभि ठाकुरिया का कहना है कि सरकार को फाइनल ईयर अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्व रिजल्ट आने की योग्यता में छूट देनी चाहिए।
